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बिहार के बेटे ने रचा इतिहास: हरेंद्र सिंह के नेतृत्व में भारतीय महिला हॉकी टीम ने जीता एशियाई खिताब

  • November 22, 2024
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Author: Bihar Say | Amrita | भारतीय महिला हॉकी टीम की हालिया जीत ने पूरे देश में जश्न का माहौल बना दिया है। इस जीत के पीछे सबसे

बिहार के बेटे ने रचा इतिहास: हरेंद्र सिंह के नेतृत्व में भारतीय महिला हॉकी टीम ने जीता एशियाई खिताब

भारतीय महिला हॉकी टीम की हालिया जीत ने पूरे देश में जश्न का माहौल बना दिया है। इस जीत के पीछे सबसे बड़ा हाथ है बिहार के बेटे, हरेंद्र सिंह का। उन्होंने न केवल भारतीय महिला हॉकी टीम को एशियाई चैंपियन बनाया है बल्कि बिहार का नाम भी दुनिया में रोशन किया है। आइए जानते हैं हरेंद्र सिंह के जीवन और उनके इस शानदार उपलब्धि के बारे में विस्तार से।

बिहार के छपरा जिले से आने वाले हरेंद्र सिंह भारतीय हॉकी के इतिहास में एक ऐसा नाम हैं, जिन्होंने संघर्ष और मेहनत के दम पर असाधारण सफलता हासिल की। एक खिलाड़ी से लेकर एक कोच तक की उनकी यात्रा लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है। अप्रैल 2024 से, हरेंद्र सिंह ने भारतीय महिला राष्ट्रीय फील्ड हॉकी टीम के मुख्य कोच के रूप में अपना नया कार्यकाल शुरू किया है। उनकी कोचिंग ने भारतीय हॉकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाई है।


छपरा से हॉकी की शुरुआत

हरेंद्र सिंह का जन्म बिहार के छपरा जिले में हुआ। सीमित संसाधनों के बावजूद, उन्होंने अपने जुनून को कभी मरने नहीं दिया। उनके हॉकी करियर की शुरुआत दिल्ली में इफको टोकियो के साथ हाफबैक के रूप में हुई।

  • 1988 में, भारत के पूर्व कोच जेएम कार्वाल्हो के आग्रह पर वे महिंद्रा एंड महिंद्रा हॉकी टीम, मुंबई में शामिल हुए।
  • 1990 में, उन्होंने एयर इंडिया हॉकी टीम में कदम रखा और कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक के पद तक पहुंचे।

हरेंद्र सिंह ने अपने शुरुआती करियर में खेल के दौरान मिलने वाली कठिनाइयों से सीखा और यह समझा कि खिलाड़ी और टीम को ऊंचाई पर ले जाने के लिए सिर्फ हुनर नहीं, बल्कि सही मार्गदर्शन की भी जरूरत होती है।


खिलाड़ी से कोच तक का सफर

हरेंद्र सिंह का कोचिंग करियर भी उनकी सफलता का एक अहम हिस्सा है। वह भारत की पुरुष, महिला और जूनियर हॉकी टीमों के मुख्य कोच के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

  • 2016 में, उनके नेतृत्व में भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम ने जूनियर वर्ल्ड कप जीता।
  • उन्होंने भारतीय पुरुष टीम और महिला टीम दोनों का मार्गदर्शन किया। उनके नेतृत्व में महिला टीम ने 2024 में एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर देश को गर्व महसूस कराया।

हरेंद्र सिंह: एक प्रेरक व्यक्तित्व

हरेंद्र सिंह का जीवन संघर्षों और सीख का प्रतीक है। छपरा के छोटे से शहर से निकलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाना आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।

  • वे हमेशा खिलाड़ियों को प्रेरित करते रहे कि “जीत का रास्ता मेहनत और अनुशासन से होकर गुजरता है।”
  • हरेंद्र की कोचिंग शैली खिलाड़ियों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाती है।

अप्रैल 2024: एक नई शुरुआत

हरेंद्र सिंह ने अप्रैल 2024 में भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच के रूप में दूसरा कार्यकाल शुरू किया। उनका अनुभव और रणनीति भारतीय महिला हॉकी को नई ऊंचाइयों तक ले जा रही है।

  • राजगीर, बिहार में आयोजित एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में भारतीय महिला टीम ने उनकी कोचिंग में ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
  • यह जीत न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।

बिहार से भारत और दुनिया तक

हरेंद्र सिंह की सफलता ने साबित किया है कि सीमित साधन कभी भी सपनों को रोक नहीं सकते। उन्होंने छपरा से लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह दिखा दिया कि जब इरादे मजबूत होते हैं, तो जीत निश्चित होती है।

उनकी कहानी यह सिखाती है कि संघर्ष और मेहनत के साथ किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।
“हरेंद्र सिंह, बिहार के बेटे ने भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का जो सपना देखा था, वह अब साकार हो रहा है।”

जय बिहार, जय भारत!

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