पुरखों की जमीन अपने नाम करवाना अब बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के माध्यम से बेहद आसान हो गया है। विभाग ने दाखिल-खारिज प्रक्रिया को डिजिटल रूप में उपलब्ध कराकर इसे पारदर्शी और सुगम बनाया है। इस ब्लॉग में हम पूरी प्रक्रिया, इससे जुड़ी शर्तें, जरूरी दस्तावेज, और आवेदन करने के स्टेप्स की विस्तृत जानकारी देंगे। अगर आप भी अपने पुरखों की जमीन अपने नाम करना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है।
क्या है दाखिल-खारिज प्रक्रिया?
दाखिल-खारिज एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसके तहत संपत्ति के उत्तराधिकारी अपना नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवा सकते हैं। यह प्रक्रिया न केवल आपकी जमीन पर स्वामित्व सुनिश्चित करती है, बल्कि भविष्य में किसी विवाद से बचने में भी मदद करती है।
ऑनलाइन प्रक्रिया क्यों है बेहतर?
- पारदर्शिता: आवेदन करने और स्थिति जांचने की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी है।
- समय की बचत: अब लंबी कतारों में खड़े रहने की जरूरत नहीं है।
- डिजिटल रिकॉर्ड: सभी दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध रहते हैं, जिससे फिजिकल कॉपी की आवश्यकता कम हो जाती है।
- सुलभता: कोई भी अपने मोबाइल या कंप्यूटर से आवेदन कर सकता है।
आवेदन के लिए आवश्यक शर्तें:
- जमाबंदी का ऑनलाइन रिकॉर्ड: आवेदन करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि संबंधित जमीन का जमाबंदी रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध है।
- म्यूटेशन रिकॉर्ड का होना आवश्यक: यह दिखाता है कि जमीन का खाता/खेसरा/रकबा सही तरीके से रिकॉर्ड में है।
- वंशावली प्रमाण पत्र: यह साबित करने के लिए कि आप जमीन के वैध उत्तराधिकारी हैं।
- दस्तावेजों की सत्यता: सभी दस्तावेज सही और सत्यापित होने चाहिए।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज:
- पुरखों का मृत्यु प्रमाण पत्र।
- वंशावली प्रमाण पत्र।
- जमीन का संबंधित दस्तावेज (जैसे खेसरा संख्या, खाता संख्या)।
- पहचान पत्र (आधार कार्ड, वोटर आईडी, आदि)।
- कोर्ट का आदेश (यदि विवादित जमीन हो)।
- सहमति पत्र (यदि सभी उत्तराधिकारी सहमति दे रहे हों)।
आवेदन करने की प्रक्रिया:
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बिहार भूमि पोर्टल (https://biharbhumi.bihar.gov.in/) के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया है। यहाँ पूरी प्रक्रिया को स्टेप-बाय-स्टेप समझाया गया है:
1. पोर्टल पर लॉग इन करें:
- सबसे पहले https://biharbhumi.bihar.gov.in/ पर जाएं।
- “नागरिक लॉगिन” विकल्प पर क्लिक करें और अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें।
2. आवेदन फॉर्म भरें:
- ऑनलाइन फॉर्म में जमीन की जानकारी जैसे खेसरा संख्या, खाता संख्या, और रकबा दर्ज करें।
- अपने दस्तावेज़ अपलोड करें, जैसे मृत्यु प्रमाण पत्र और वंशावली प्रमाण पत्र।
3. टोकन नंबर प्राप्त करें:
- आवेदन सबमिट करने के बाद आपको एक टोकन नंबर मिलेगा, जिसका उपयोग स्थिति ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है।
4. सत्यापन प्रक्रिया:
- आपका आवेदन राजस्व अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा।
- अगर सभी दस्तावेज सही पाए गए, तो दाखिल-खारिज की प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
5. नया रिकॉर्ड अपडेट करें:
- सत्यापन के बाद, आपका नाम संबंधित जमाबंदी रिकॉर्ड में दर्ज कर दिया जाएगा।
महत्वपूर्ण बातें:
- यदि पुरखों की जमाबंदी ऑनलाइन नहीं है, तो उसे ऑनलाइन करवाने के लिए अलग से आवेदन करें।
- संयुक्त रूप से दाखिल-खारिज के लिए सभी वंशजों की सहमति आवश्यक है।
- अगर विवादित जमीन है, तो कोर्ट के आदेश की प्रति अनिवार्य होगी।
- सभी दस्तावेज सही और पूर्ण होना जरूरी है, अन्यथा आवेदन रद्द हो सकता है।
आवेदन करने के फायदे:
- विवादों से बचाव: जमीन के मालिकाना हक की पुष्टि होने से भविष्य के विवादों से बचा जा सकता है।
- पारिवारिक सहमति सुनिश्चित करना: संयुक्त दाखिल-खारिज से पारिवारिक सहमति मजबूत होती है।
- सरकारी योजनाओं का लाभ: सरकारी योजनाओं और अनुदानों का लाभ उठाने में मदद मिलती है।
- भविष्य में संपत्ति का हस्तांतरण आसान: रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने के बाद संपत्ति बेचने या हस्तांतरित करने में सुविधा होती है।
सहायता के लिए संपर्क करें:
यदि आवेदन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की समस्या, शिकायत या सुझाव हो, तो आप राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के टोल-फ्री नंबर 18003456215 पर संपर्क कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
पुरखों की जमीन अपने नाम करवाने के लिए दाखिल-खारिज प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण कदम है। बिहार सरकार के ऑनलाइन पोर्टल ने इसे इतना सरल बना दिया है कि अब कोई भी आसानी से इस सुविधा का लाभ उठा सकता है। सही दस्तावेज और जानकारी के साथ आवेदन करें, और अपने जमीन पर स्वामित्व सुनिश्चित करें।
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